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Gavyamrut Desi Cow Pure Desi Ghee 1 Liter

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  1. देशी गाय का घी (Desi Cow Desi Ghee) मोटापा कम करता है।
  2. देशी गाय (Desi Ghee) के 10 ग्राम घी का दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है।
  3. देशी गाय का घी (Desi Cow Desi Ghee) आसानी से पच जाता है तथा मानव शरीर में लुब्रीकेशन (Lubrication) का कार्य करता है।
  4. देशी गाय के घी (Desi Cow Desi Ghee) में ब्यूटीरिक एसिड होता है जो कैंसर और वायरल जैसे रोगों की रोकथाम करता है।
  5. देशी गाय का घी (Desi Cow Desi Ghee) सूक्ष्म कण का होता है जो मस्तिष्क की प्रत्येक नस नाड़ी तक पहुंचकर स्मरण शक्ति बढ़ाता है।
  6. देशी गाय का घी (Desi Cow Desi Ghee) त्रिदोष (कफ, वात, पित्त) नाशक है।
  7. हृदय रोगः हृदय रोग (Heart Disease) का एक कारण भावनात्मक तनाव है जिसे ठीक करना चाहिए। देशी गाय का घी (Desi Cow Desi Ghee) प्रयोग करने से व नाक में लगाने से तनाव कम (stress reduction) होता है। हृदय रोगियों के लिये भी लाभदायक है।
  8. अनिद्रा (Insomnia): गाय के घी में जायफल घिसकर आँख की पलकों पर पतला लेप करने से शीघ्र ही नींद आ जाती है।
  9. निमोनियाः सीने में कफ जमने पर निमोनिया (Pneumonia) पीड़ित बच्चे के कमरे में चैबीस घंटे देसी गाय के घी का मोटी बत्ती का दिया जलाने से और उसी कमरे में पीड़ित बच्चे को रखने से निमोनिया का सफल इलाज हुआ है। ऐसीमहत्ता है गौघृत को सिर्फ जलाने भर की। गौघृत हवन करने से वातावरण शुद्धि होती है और अदृश्य हानिकारक तत्वों से मुक्ति मिलती है।
  10. गला बैठनाः 2 चम्मच ताजे घी में पिसी कालीमिर्च डालकर गर्म करें और ठंडा होने पर भोजन के बाद लें। इसके बाद पानी न लें पहले ही पानी पी लें। सोते समय लेने से सुबह गला खुल जायेगा।
  11. आधाशीशी सिरदर्दः गाय का घी सबेरे-शाम नाक में डालें इससे 7 दिन में आधाशीशी रोग बिल्कुल दूर होता है।
  12. मुच्र्छा आना या सुन्न होनाः किसी व्यक्ति को मूच्र्छा आने, चेतनशून्य होने तथा शरीर के किसी भाग के सुन्न पड़ जाने पर गाय के घी की मालिश करने से तुरन्त चेतना आ जाती है।
  13. नकसीर (नाक से रक्तस्राव): नकसीर फूटने पर नाक में दोनों तरफ घी की बूँदें टपकायें। घी सूँघने तथा गर्दन नीची करके लिटाने से खून गिरना बंद हो जाता है।
  14. बवासीरः वादी बवासीर में गौघृत तथा त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन करना लाभदायक रहता है।
  15. जले हुए शरीर परः गाय के धोये हुए घी के लेप करें। गाय का घी धोकर पिला दें।
  16. जुकामः गाय का थोड़ा-सा घी चम्मच में लेकर गुनगुना करें। गुनगुने घी को उंगली में लपेट कर पहले एक नाक के छेद में अन्दर लगायें और घी को अन्दर की तरफ खींचे फिर दूसरे नाक के छेद में लगाकर ऊपर खींचेतुरन्त आराम मिलना शुरू हो जाएगा। इस क्रिया को लगभग 10 मिनट बाद, फिर एक घंटे बाद और आगे आवश्यकतानुसार करते रहें जुकाम बहुत जल्दी पक कर ठीक हो जाता है।
  17. शराब का नशा उतारने के लियेः 20 ग्राम घी और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर खिलाने से लाभ होता है।
  18. होठ फटना या गाल फटनाः होठ फटने या गाल फटने पर गाय के घी में थोड़ा-सा नमक मिलाकर रात्रि में सोते समय लगाने से लाभ होता है।
  19. चेहरे की कांति बढ़ानाः रात में सोते समय चेहरे पर घी की मालिश करने से कुछ ही दिनों में चेहरे के दाग, धब्बे तथा झाँई आदि मिट जाते हैं और त्वचा कांतियुक्त हो जाती है।
  20. सिर के गिरते हुए बालः घी की मालिश हल्के हाथ से 5 मिनट तक करें। इससे 4-5 माह में बाल पुनः उगते हुये देखे गये हैं।
  21. बाल लम्बे व घने करनाः सोते समय सिर के बालों में गाय का घी लगाने से बाल लम्बे, घने व चमकदार हो जाते हैं।
  22. नजर की कमजोरीः कमजोर नजरवालों को प्रतिदिन गाय का घी 2 चम्मच तथा मिश्री 2 चम्मच मिलाकर भोजन के साथ या दिन में एक बार खाना चाहिए। दो माह तक खाने से बहुत लाभ होता है।
  23. कब्जः एक चम्मच गाय के ताजे घी में थोड़ी पिसी काली मिर्च मिलाकर सोते समय 3 दिन तक चाट लें इससे आँते मुलायम हो जाएगी| मल साफ़ होगा| डकारें आने पर गाय का घी पिलाएं
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